आजा रे ऐ.. ऐ.. परदेसी

(मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गई पंथ निहार
आजा रे ऐ ऐ…. परदेसी)-2x

 

मैं दिये की ऐसी बाती
जलना सकी जो बुझ भी ना पाती
मैं दिये की ऐसी बाती
जलना सकी जो बुझ भी ना पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी, ओ ओ..
आ जा रे
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गई पंथ निहार
आजा रे ऐ ऐ…. परदेसी

 

तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यूँ साजन मेरे
तुम संग जनम जनम के फेरे
भूल गये क्यूँ साजन मेरे
तड़पत हूँ मैं सांझ सवेरे ओ ओ
आ जा रे
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गई पंथ निहार
आजा रे ऐ ऐ…. परदेसी

 

मैं नदिया, फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
मैं नदिया, फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा सी
बिन तेरे हर रात उदासी ओ ओ
आ जा रे
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ, थक गई पंथ निहार
आजा रे ऐ ऐ…. परदेसी


Lyrics: शैलेन्द्र

Movie - Madhumati (1958)